अजय भट्टाचार्य
मुंबई। किसान आंदोलन के बीच जाटों को साधने की भाजपा द्वारा कोशिशें तेज हो गई हैं। मंगलवार को अमित शाह ने पार्टी के जाट नेताओं की खास क्लास ली और सख्त लहजे में कहा कि जाट किसान आन्दोलन में क्यों हैं और आप लोग क्या कर रहे हो। इसके अगले दिन जाटों तक पार्टी की बात पहुँचाने के लिए संजीव बालियान के दिल्ली स्थित सरकारी घर में पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के भाजपाई जाट जुटे और खाप को मनाने/समझाने का फार्मूला तलाशते रहे।
यह कसरत पूरी होती उससे पहले किसान आन्दोलन के समर्थन में बुधवार को हरियाणा के रोहतक स्थित जाट भवन में विभिन्न खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों की एक महत्वपूर्ण मीटिंग में तय किया गया कि संयुक्त किसान मोर्चा जो भी फैसला लेगा खाप पंचायतें उसी का समर्थन करेंगी। पंचायत में हरियाणा के 50 से ज्यादा खाप प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया था। इसके साथ ही किसानों को लेकर हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल के बयान का संज्ञान लेते हुए खाप पंचायतों ने जेपी दलाल के सामाजिक बहिष्कार का भी फैसला लिया। दलाल ने अपने एक बयान में कहा था कि किसानों की मौत बीमारी की वजह से हो रही है। किसान मोर्चा और खापों का रुख देखते हुए भाजपाई जाट नेता परेशान हैं कि नाराज बिरादरी उनकी ही खाट न खड़ी कर दे। मुश्किल यह भी है जिस किसान यूनियन की अगुवाई टिकैत बंधू कर रहे है उससे 84 खाप जुड़ी हुई हैं और इन खापों ने दिवंगत महेंद्र सिह टिकैत को अपना चौधरी चुना था। आज यही गद्दी उनकी अगली पीढ़ी संभाल रही है।
साभार: दोपहर का सामना