न्यूज़ स्टैंड18 नेटवर्क
पटना। नितीश कुमार ने पिछले 16 जून को रिमोट का बटन दबाकर जिस गोपालगंज के जिस सत्तरघाट महासेतु का उद्घाटन किया था वह महज 30 दिन में ही बह गया। 264 करोड़ की लागत से बने इस पुल को सिर्फ महीने भर ही लोग उपयोग कर सके। समझो इस तरह एक दिन में 8 करोड़ 80 लाख रुपये उपयोग पर खर्च हुआ।
बुधवार को पानी के दबाव से पुल टूटने के बाद चंपारण तिरहुत और सारण के कई जिलों का संपर्क टूट गया है। गत 16 जून को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस महासेतु का उद्घाटन किया था। गोपालगंज को चंपारण से जोड़ने का यह अतिमहत्वकांक्षी पुल था। इसके निर्माण में करीब 264 करोड़ खर्च हुआ था।
गोपालगंज में तीन लाख से ज्यादा क्यूसेक पानी की बहाव के चलते यह टूट गया।
बिहार के पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने कहा है कि इस मामले की जांच करने के लिए वह आगामी चार अगस्त को शुरू होने वाले विधानसभा सत्र में उठाएंगे।
बिहार पुल निर्माण विभाग द्वारा इस सेतु का निर्माण वर्ष 2012 में शुरू किया गया था।16 जून 2020 को इस महासेतु का उद्घाटन किया गया था।
