अजय भट्टाचार्य
कर्नाटक सरकार ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) को पूर्व मंत्री और खनन कारोबारी जी जनार्दन रेड्डी, उनकी पत्नी और उनके स्वामित्व वाली कंपनियों की ‘अतिरिक्त संपत्तियों’ को कुर्क करने के लिए अधिकृत किया है। यह आदेश कर्नाटक उच्च न्यायालय द्वारा राज्य सरकार को 10 जनवरी को रेड्डी की संपत्तियों को कुर्क करने की सीबीआई को अनुमति देने में देरी पर जानकारी देने के लिए दो दिन का समय दिए जाने के बाद आया। कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि उसने 19 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने की अनुमति क्यों नहीं दी, जबकि उसने पहले 64 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क करने की मंजूरी दी थी। अवैध खनन मामले के एक आरोपी रेड्डी ने भाजपा के साथ अपने दो दशक पुराने संबंध को तोड़ते हुए पिछले साल 25 दिसंबर को रेड्डी ने एक नई राजनीतिक पार्टी ‘कल्याण राज्य प्रगति पक्ष’ शुरू करने की घोषणा की थीराज्य के बेल्लारी जिले के बाहर से चुनावी राजनीति में दोबारा प्रवेश करते हुए रेड्डी ने कहा कि वह कोप्पल जिले के गंगावती से 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ेंगे।
सवाल यह है कि इस मामले में सरकार तब जागी जब रेड्डी सत्तारूढ़ दल दल से करीब छह महीने पहले सीबीआई ने कुर्की की अनुमति मांगी थी तब सरकार ने यह अनुमति क्यों नहीं दी? बहरहाल इस सन्दर्भ में अब सरकार द्वारा जारी आदेश में
सरकार के आदेश में सीबीआई के पुलिस अधीक्षक द्वारा किए गए अनुरोध का उल्लेख किया गया था, जिसमें ‘पैरवी अधिकारी/होल्डिंग जांच अधिकारी’ को प्राधिकरण जारी करने के लिए बेंगलुरु में सीबीआई मामलों के लिए विशेष अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर करने के लिए रेड्डी की अतिरिक्त ‘अनुसूचित की कुर्की’ की इजाजत मांगी गई थी।
आदेश में कहा गया है, “पैरावी अधिकारी/होल्डिंग इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर एतदद्वारा जी जनार्दन रेड्डी के साथ-साथ उनकी पत्नी और उनके नाम पर अनुसूचित अतिरिक्त संपत्तियों की कुर्की के लिए सीबीआई मामलों, बेंगलुरु शहर के लिए विशेष अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर करने के लिए अधिकृत है। कंपनियों और अन्य संपत्तियों को भी संपत्तियों की अनुसूची में दिखाया गया है, जैसा कि संपत्तियों की अनुसूची में दिखाया गया है, जिसे 30 अगस्त, 2022 के पत्र के साथ प्रस्तुत किया गया है। सीबीआई ने बेल्लारी अवैध खनन मामले में मुख्य आरोपी के खिलाफ कुर्की की कार्यवाही को मंजूरी देने के लिए अदालत से सरकार को निर्देश देने की मांग की थी। सीबीआई का अनुरोध अगस्त 2022 से सरकार के समक्ष लंबित है। सीबीआई ने तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में रेड्डी, उनकी पत्नी और कंपनी के नाम पर अतिरिक्त संपत्तियों का पता लगाया था। एजेंसी 2013 से एक विशेष अदालत के समक्ष लंबित अवैध खनन मामले में उन संपत्तियों को कुर्क करना चाहती है। केंद्रीय एजेंसी ने दावा किया कि रेड्डी अपनी कंपनियों ओबुलापुरम माइनिंग कंपनी एंड एसोसिएटेड माइनिंग कंपनी लिमिटेड के माध्यम से अवैध खनन गतिविधियों से प्राप्त धन से प्राप्त संपत्तियों को बेचने की कोशिश कर रहे थे। अगर रेड्डी अलग पार्टी बनाकर चुनाव में उतरने की घोषणा न करते क्या तब भी सरकार कुर्की के लिए सीबीआई को अधिकृत करती!
(लेखक देश के जाने माने पत्रकार व राजनीतिक विश्लेषक हैं।)