विजय यादव
मुंबई। श्रीमद्भागवत कथा मनुष्य की सभी इच्छाओं को पूरा करती है। यह कल्पवृक्ष के समान है। भागवत कथा ही साक्षात कृष्ण है और जो कृष्ण है, वही साक्षात भागवत है। साक्षात जीवन दर्शन हेतू यही भागवत कथा मुंबई के कांदिवली पूर्व, ठाकुर विलेज स्थित ठाकुर कालेज के बगल में करमणुकीचे मैदान में भुवनेश्वरी परिवार द्वारा आयोजित किया गया है।

8 जनवरी कलश यात्रा से शुरू हुई इस पावन कथा का श्रवण 16 जनवरी तक किया जा सकता है। कथा संध्या 5 बजे से शुरू होकर रात्रि 9 बजे तक चलती है। भागवत कथा के सभी सुंदर प्रसंगों का अमृतपान कराने के लिए अयोध्या से आचार्य ब्रह्मानंद सरस्वती जी पधारे हैं। इनकी मधुर वाणी कथा के महत्व को और भी बढ़ा देती है। कथा शुरू होने से पहले सुबह 10 बजे एकादश कुण्डीय सवालक्ष रुद्र चण्डी हवनात्मक महायज्ञ होता है।
भुवनेश्वरी परिवार के संस्थापक एवं चेयरमेन पंडित श्री देवेंद्र शुक्ल ने बताया कि, यज्ञ से करने से यज्ञदेवता भक्तों के समस्त कामनाओं को पूर्ण कर करते हैं। हवन करने से पापों का नाश होता है और मनुष्य में चेतना शक्ति जागृत होती है।
भुवनेश्वरी परिवार के निर्देशक डॉ. इंदुप्रकाश तिवारी ने बताया कि, भुवनेश्वरी परिवार द्वारा पिछले 16 साल से भागवत कथा एवं महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है, जिसका हर वर्ष महत्व बढ़ता जा रहा है। ईश्वर के प्रति आस्था रखने वालों का आज एक बड़ा समूह भुवनेश्वरी परिवार से जुड़ कर विश्व कल्याण हेतु कार्य कर रहा है।
इसी तरह भुवनेश्वरी परिवार के सह संयोजक श्री मुन्ना मिश्रा ने बताया कि, कथा के प्रति लोगों की बड़ी आस्था है, जो दिन प्रतिदिन नए श्रद्धालुओं को कथा से जोड़ रही है। उन्होंने ने बताया कि, आचार्य ब्रह्मानंद सरस्वती जी की मधुर वाणी और उनके द्वारा सरल प्रस्तुति कथा को आसान बना देती है, जिससे लोगों को समझने में और भी आसानी होती है।