मुंबई। भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने लखीमपुर खीरी किसान मुद्दे पर सवाल उठने की खबर है। दैनिक भास्कर ने अपनी खबर मे बताया है कि, बोस्टन के हार्वर्ड केनेडी स्कूल में एक चर्चा के दौरान सीतारमण से पूछा गया कि प्रधानमंत्री और वरिष्ठ मंत्री लखीमपुर की घटना पर चुप क्यों हैं और जब कोई सवाल किया जाता है तो बचने की कोशिश क्यों की जाती है?
इस पर वित्त मंत्री ने कहा कि लखीमपुर की हिंसा में 4 किसानों का मारा जाना बेशक निंदनीय है, लेकिन देश के दूसरे इलाकों में भी ऐसी घटनाएं हो रही हैं। ऐसी हर घटना को बराबरी से उठाना चाहिए, न कि तब जब कि वे आपके माफिक हों। सिर्फ इसलिए यह मुद्दा नहीं उठना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में BJP की सरकार है।
भास्कर ने आगे अपनी खबर मे लिखा है कि, सीतारमण ने कहा, ‘मैं चाहूंगी कि आप सभी लोग और डॉ. अर्मत्य सेन जो भारत को अच्छी तरह जानते हैं उन्हें हर बार ऐसे मुद्दों को उठाना चाहिए। मेरे कैबिनेट सहयोगी के बेटे शायद मुश्किल में हैं और ये मान भी लें कि जो कुछ हुआ उन्होंने ही किया, किसी और ने नहीं किया, तो भी कानून के तहत जांच प्रक्रिया पूरी होगी।’
सीतारमण ने आगे कहा, ‘मेरी पार्टी या प्रधानमंत्री इस मामले को लेकर डिफेंसिव नहीं है, बल्कि भारत को लेकर डिफेंसिव है। मैं भारत की बात करूंगी, मैं गरीबों को न्याय की बात करूंगी। हमें तथ्यों पर बात करनी चाहिए। यही मेरा जवाब है।’
ज्ञात हो कि, भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण विश्व बैंक और आईएमएफ की वार्षिक बैठकों के साथ-साथ जी-20 के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों (एफएमसीबीजी) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका के एक हफ्ते के दौरे हैं।
