अजय भट्टाचार्य
अँधेरी पूर्व विधानसभा उपचुनाव के बाद एक बार फिर भाजपा ने राज्य की सत्ता में साझीदार एकनाथ शिंदे गुट वाली शिवसेना को ठेंगा दिखाया है। उपचुनाव में शिवसेना की सीट होने के बावजूद भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित कर बाद में उसका नामांकन वापस करवा दिया था नतीजतन उद्धव ठाकरे गुट की शिवसेना प्रत्याशी की जीत आसान हो गयी थी। शिंदे-फड़नवीस सरकार बनने के लगभग छह महीने बाद, महाराष्ट्र विधान परिषद के द्विवार्षिक चुनावों को लेकर सहयोगी भाजपा के साथ आमने-सामने होने के बाद एकनाथ शिंदे सरकार को अपनी पहली परीक्षा का सामना करना पड़ रहा है।
मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कथित तौर पर परिषद चुनावों में अपने गुट को कोई सीट नहीं देने के लिए भाजपा से नाखुश हैं। शिंदे को कम से कम दो सीटों की उम्मीद थी। विभिन्न विधानपरिषद क्षेत्रों के लिए चुनाव की घोषणा हो चुकी है। भाजपा ने अमरावती मंडल स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के लिए डॉ रंजीत पाटिल, कोंकण मंडल शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए ज्ञानेश्वर म्हात्रे, औरंगाबाद मंडल शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए किरण पाटिल और नागपुर मंडल के लिए आरएसएस से जुड़े शिक्षक संघों के उम्मीदवार को समर्थन दिया है। साथ ही भाजपा ने नासिक संभाग के शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र सहित सभी पांच सीटों पर चुनाव लड़ने का फैसला किया है। भाजपा ने नासिक में शिंदे के नेतृत्व वाली बालासाहेब शिवसेना की उपस्थिति नहीं होने के बहाने इस सीट पर चुनाव लड़ेने का फैसला किया है जबकि शिंदे गुट इस सीट पर चुनाव लड़ना चाहता था । भाजपा जल्द ही नासिक में भी अपने उम्मीदवार की घोषणा करेगी। शिंदे खेमे के एक विधायक की इस मामले पर व्यंग्यात्मक टिप्पणी है कि द्विवार्षिक चुनाव भाजपा के बड़े भाई की तरह व्यवहार करने का सबसे अच्छा उदाहरण है। आधी सीटें देने की तो बात ही छोड़िए, भाजपा ने एक भी सीट देने का शिष्टता नहीं दिखाई। यह दुर्भाग्यपूर्ण है; हमारे पास विकल्प नहीं हैं। लेकिन भाजपा का ऐसा मनमाना आचरण गठबंधन के बने रहने के लिए अच्छा नहीं है। इसे शिंदे गुट की लाचारी मानें या भाजपा की शिवसेना मिटाओ मुहिम, यह आने वाला समय तय करेगा। परिषद के लिए यह द्विवार्षिक चुनाव सत्तारूढ़ और विपक्षी दोनों दलों की संख्या बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। उच्च सदन में आघाडी को फायदा है। आघाडी की अन्य सहयोगी राकांपा भी दो सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि शिवसेना का उद्धव गुट नागपुर से चुनाव लड़ेगा। दो स्नातक और तीन शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों से सहित पांच एमएलसी का कार्यकाल 7 फरवरी को समाप्त होगा, और इन सीटों के लिए चुनाव 30 जनवरी को होगा। भाजपा ने कोंकण संभाग के लिए शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव लड़ने के लिए पहली बार अपना उम्मीदवार खड़ा किया है। पालघर, ठाणे, रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों सहित कोंकण संभाग में 37,000 से अधिक पात्र मतदाता हैं।
