न्यूज स्टैंड18 नेटवर्क
नई दिल्ली। देश में विशेषकर मुंबई महानगर में कई निर्माण परियोजनाएं पर्यावरण मंजूरी के अभाव में ठप पड़ी हैं, विकास कार्य ठप हैं और पर्यावरण मंजूरी न मिलने से विकास संबंधी निर्माण कार्य बुरी तरह प्रभावित हैं। इसलिए, लंबित परियोजनाओं को निर्धारित समय के भीतर पर्यावरण मंजूरी दिए जाने की आवश्यकता है। उत्तर मुंबई के सांसद गोपाल शेट्टी ने 21 जुलाई गुरुवार को शून्यकाल में लोकसभा में बोलते हुए इस तरह की मांग रखी है ।
सांसद शेट्टी ने आगे कहा कि, “विशेष रूप से मुंबई महानगर में निर्माण परियोजनाओं की पर्यावरण मंजूरी के मामले में पर्यावरण प्राधिकरण के अफसर विकासकों को परेशानी में डाल देते हैं।
विकासक जुग्गी झोपड़पट्टी के नागरिकों को मुआवजा/भाड़ा की आर्थिक सहायता देकर जगह खाली करवाते हैं परंतु तत्पश्चात पर्यावरण संरक्षण के नाम पर, प्राधिकरण अफसर/ब्यूरोक्रेट्स के द्वारा आर टी आई कार्यकर्ताओं के नाम पर, विकासक हैरान परेशान हो जाते हैं।”
सांसद शेट्टी ने कहा की “जुग्गी झोपड़पट्टी बस्ती के स्थान पर विकास परियोजना और पक्के मकान बनेंगे तो स्वच्छता बढ़ेगी, साथ ही गरीबों को अपने अधिकार का पक्का घर प्राप्त होगा और पॉल्यूशन काम होगा।
परंतु इन सारी बातों को दर किनार कर पर्यावरण प्राधिकरण की अफसर शाही
जन प्रतिनिधियों की तुलना में आरटीआई कार्यकर्ताओं को अधिक महत्व देते हैं जो कि न्यायपूर्ण नहीं है और अक्सर यह भी देखा गया है कि निर्माण से संबंधित परियोजनाओं में दोषियों को पर्यावरण नियमों का उल्लंघन करने पर केवल जुर्माने के साथ छोड़ दिया जा रहा है। इसमें जुर्माने के साथ दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है।”
साथ ही गोपाल शेट्टी ने उम्मीद जताई है की आज महाराष्ट्र में सरकार परिवर्तन हुआ है तब इस विषय पर अवश्य सकारात्मक रवैया अपनाया जाएगा । परंतु केंद्र सरकार से इस मामले पर कार्रवाई के निर्देश देने का अनुरोध भी उत्तर मुंबई सांसद ने किया।
