अजय भट्टाचार्य
भाजपा की महिला मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष सुनीता धवन को आप की तरुणा मेहता ने 1516 वोटों से पराजित किया। वहीं वार्ड नंबर 34 से कांग्रेस के गुरप्रीत सिंह जीते जबकि वार्ड नंबर 22 से आप की अंजू कौटियाल ने जीत दर्ज की। वार्ड नंबर-10 से नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र सिंह बबला की पत्नी हरप्रीत कौर बबला ने भाजपा की राशि भसीन को 3103 वोटों से हराया है।
वार्ड 14 से भाजपा के कुलजीत संधू ने जीत दर्ज की है। उन्होंने आप के कुलदीप सिंह कुक्की को लगभग 260 मतों से हरा दिया है। इधर वार्ड नंबर 2 से भाजपा उम्मीदवार महेश इंदर सिंह सिधू महज 11 वोट से जीते। उन्हें 2072 वोट मिले जबकि दूसरे स्थान पर रहे कांग्रेस उम्मीदवार हरमोहिंदर सिंह को 2061 वोट मिले। वार्डों की संख्या 2016 में 26 से बढ़कर अब 35 हो गई है। परंपरागत रूप से, हर पांच साल में होने वाले नगरपालिका चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर देखने को मिलती थी, लेकिन आम आदमी पार्टी के आ जाने से इस बार मुकाबला त्रिकोणीय हो गया।
अब विधानसभा चुनावों की बात करें तो कांग्रेस, अकाली दल (बादल), आप और कैप्टन अमरिंदर सिंह की पंजाब लोक कांग्रेस, अकाली दल (ढींढसा) और भाजपा का गठबंधन मैदान में होने के अलावा 22 किसानों के संगठन संयुक्त समाज मोर्चा बनाकर चुनाव में उतर रहे हैं। जाहिर है किसान आंदोलन के चलते जो मतदाता भाजपा ने नाराज बताया जा रहा है उसका असर अब भाजपा पर कमोबेस कम पड़ेगा। शहरी क्षेत्रों में भाजपा की खासी पैठ है और गठबंधन में भाजपा की कोशिश रहेगी कि शहरी इलाकों की सभी नहीं तो ज्यादा से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़े। यह अलग बात है कि चंडीगढ़ भी शहरी क्षेत्र है जहाँ भाजपा को एक चौथाई सीटें ही मिली हैं। इसलिये अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि चंडीगढ़ के नतीजे विधानसभा चुनाव नतीजों का पूर्वाभास हैं। फिर स्थानीय और विधानसभा चुनावों के मुद्दे और क्षेत्र ज्यादा बड़े और अलग होते हैं।
(लेखक देश के जाने माने माने पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं।)