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जम्मू। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज जम्मू में कारगिल विजय दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम कहा कि मै देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की आलोचना नहीं कर सकता। उन्होंने आगे कहा कि पंडित नेहरू जब प्रधानमंत्री थे तब 1962 में चीन ने हमारे लद्दाख पर कब्ज़ा कर लिया। हालांकि मै किसी की बुराई नहीं करता हूं। किसी की नीति ख़राब हो सकती है, नियत नहीं।
उन्होंने कहा कि भारत की एकता, अखंडता और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए हमारे सेना ने जो योगदान दिया है उसे भारत कभी भूल नहीं सकता है और देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए जिन जवानों ने शहादत दी है मैं उन सभी जवानों की स्मृति में शीश झुकाकर नमन करता हूं।केंद्रीय रक्षा मंत्री का यह बयान ऐसे समय पर आया जब भाजपा की ओर लगातार समय – समय पर नेहरू को दोषी ठहराया जाता रहा हो।
राजनाथ सिंह भाजपा के पुराने और कद्दावर नेता हैं। अटल-आडवाणी के बाद पार्टी में दूसरी श्रेणी के नेता माने जाते है , लेकिन पिछले कुछ वर्षों में पार्टी के भीतरी बदलाव के बाद इनके वर्चस्व में कमी आई है। उनके इस बयान अपनी पार्टी के कुछ नेताओं को जवाब दिए जाने से भी जोड़कर देखा जा रहा है। फिलहाल उनका यह बयान कांग्रेस के लिए जरूर राहत भरा है।