पुणे। महाराष्ट्र की राजनीति के दिग्गज नेता शरद पवार का बुधवार को कांग्रेस भवन पहुंचना भले ही कुछ लोगों के लिए साधारण लगे, लेकिन राजनीति के जानकार इसे सामान्य नहीं समझते। खासकर महाराष्ट्र की विपक्षी पार्टियों को शरद पवार ने एक संकेत दे दिया है कि, जैसा आप समझते हैं, वैसा यहां नहीं है। वर्षों बाद भाजपा से अलग होकर जबसे शिवसेना (उद्धव ठाकरे) कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के करीब आई है, तभी से राज्य की राजनीति में नए-नए परिवर्तन देखे जा रहे हैं।
राष्ट्रवादी कांग्रेस अध्यक्ष शरद पवार का लगभग 19 सालों के बाद पुणे के कांग्रेस भवन में दाखिल हुए। जिस कांग्रेस भवन में बीते जमाने में उन्होंने राज किया था, उसी के आंगन में शरद पवार तकरीबन 19 सालों के बाद दाखिल हुए। इस अवसर पर शरद पवार ने कहा कि यहीं से कांग्रेस नेताओं ने इंदिरा गांधी के जरिए नेहरू को राजी किया और संयुक्त महाराष्ट्र का गठन हुआ। इसमें पुणे के कांग्रेस भवन का बहुत बड़ा योगदान है। कुछ लोग कांग्रेस मुक्त भारत की घोषणा करते हैं, लेकिन भारत कांग्रेस मुक्त नही हो सकता। कांग्रेस की विचारधारा और योगदान को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। कांग्रेस की नीतियों को लेकर मतभेद होंगे, मेरे भी कुछ हैं, लेकिन हमें कांग्रेस के साथ राजनीति करनी है।
दरअसल कांग्रेस पार्टी के 138 वें स्थापना दिन पर पुणे शहर कांग्रेस पार्टी की ओर से स्नेह कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस कार्यक्रम के लिए शरद पवार को निमंत्रण दिया गया था। शरद पवार ने कार्यक्रम का निमंत्रण स्वीकार कर कार्यक्रम में आने का आश्वासन भी दिया था। उसके तहत बुधवार की रात 8 बजे पवार कांग्रेस भवन में दाखिल हुए।
