अजय भट्टाचार्य
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए मंगलवार को जारी भारतीय जनता पार्टी के संकल्प पत्र और समाजवादी पार्टी के वचन पत्र में लोगों से तमाम वादे किए गये हैं। ध्यान से देखने पर ऐसा लगता है कि दोनों ही दलों ने एक जैसी घोषणाएं अलग-अलग शीर्षक से की हैं। दोनों ने अपने-अपने घोषणा पत्र में किसानों, महिलाओं व छात्रों को लुभाने की पूरी कोशिश की है। मुफ्त बिजली और गैस सिलेंडर समेत मुख्त पेट्रोल देने जैसे वादे इसका उदाहरण हैं।

महिलाओं के लिए भाजपा ने उज्जवला गैस कनेक्शनधारकों को हर साल होली-दीवाली पर दो मुफ्त सिलेंडर देने का वादा किया है तो सपा ने सभी परिवारों को हर साल दो मुफ्त सिलेंडर देने की घोषणा की है। भाजपा ने किसानों को रिझाने के लिए सभी किसानों को सिंचाई की बिजली मुफ़्त देने और किसान सम्मान निधि को दोगुना करने की मुनादी की तो सपा ने भी किसानों को मुफ्त बिजली और सभी फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य के तहत लाने का वादा किया है। विद्यार्थीवर्ग में भाजपा ने कॉलेज जाने वाली लड़कियों को मुफ़्त स्कूटी और छात्रों को 2 करोड़ टैबेलेट या स्मार्टफ़ोन बांटने की बात की तो सपा ने छात्रों को 2 करोड़ टेबलेट अथवा स्मार्टफ़ोन देने कॉलेज जाने वाली लड़कियों को मुफ़्त स्कूटी देने का वादा किया है। गरीबों पर मेहरबान होते हुए भाजपा ने सभी निर्माण मज़दूरों को मुफ़्त बीमा, उनके बच्चों को स्नातक तक मुफ़्त शिक्षा देने का संकल्प लिया तो सपा ने प्रतिवर्ष ग़रीबों को 18000 रू पेंशन देने का वचन दिया। 60 से ऊपर की महिलाओं को भाजपा ने सरकारी बसों में मुफ़्त यात्रा की बात कही तो सपा ने समाजवादी पेंशन को फिर से शुरू करने का वादा किया। कानून व्यवस्था के नाम पर जहाँ भाजपा ने सभी सार्वजनिक और शैक्षणिक संस्थाओं के पास सीसीटीवी कैमरे लगाने का नगाड़ा पीटा तो सपा ने 112 की गाड़ियों में बढ़ोतरी और महिला सुरक्षा के लिए 1090 को फिर शुरू करने का वादा किया है। हाँ सपा और भाजपा के जनता से दो खास वादे जरुर अलग दीखते हैं। सपा ने अपने वचन पत्र में सूबे के हर जिले में समाजवादी कैंटीन की शुरुआत करके 10 रुपये में खाना देने और दोपहिया वाहन मालिकों को एक लीटर और चौपहिया वाहन मालिकों को तीन लीटर पेट्रोल देने का वादा किया है तो भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में हर घर में एक युवा को सरकारी नौकरी या स्वरोज़गार का अवसर देने की बात कही है साथ ही साथ लव जिहाद करने वालों को 10 साल की सज़ा और एक लाख का जुर्माना लगाने की बात कही है।
(लेखक देश के जाने माने पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं।)