अजय भट्टाचार्य
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के विशेष पर्यवेक्षक-प्रभारी और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मानें तो राज्य में त्रिशंकु विधानसभा आने की संभावना है और इस स्थिति में कांग्रेस किंगमेकर बनकर उभरेगी। एक निजी चैनल से बातचीत में बघेल ने कहा कि, ‘मुझे लगता है कि वोटर योगी आदित्यनाथ को सत्ता से बाहर का रास्ता दिखाएंगे। त्रिशंकु विधानसभा की संभावना है और कांग्रेस किंगमेकर बनकर उभर सकती है। समाजवादी पार्टी सत्ता में आ सकती है। बकौल बघेल आनेवाले नतीजे सभी के लिए चौंकाने वाले होंगे। इस बार पहली बड़ी बात ये है कि कांग्रेस 1996 के बाद पहली बार 400 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इन चुनावों में कांग्रेस की सबसे बड़ी जीत यही है कि हमने दूसरी पार्टियों को जाति और धर्म के एजेंडे पर लड़ने के लिए छोड़ दिया और कांग्रेस ने विकास और कल्याण, आवारा मवेशियों, महिला सुरक्षा की बात की। आने वाले परिणाम सभी को चौंका देंगे।’
यह अलग बात है कि इस बार उप्र विधानसभा चुनाव में सरसरी नजर से मुख्य मुकाबला प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा और अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी के बीच होता दिख रहा है। लेकिन जिस तरह से प्रियंका गाँधी वाड्रा के नेतृत्व में कांग्रेस ने अपने दम पर राज्य की सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं उससे एक बड़ा सन्देश यह गया है कि हार-जीत से परे भाजपा के खिलाफ अगर कोई पार्टी अपने दम पर चुनावी मैदान में ताल ठोंक रही है तो वह सिर्फ कांग्रेस है। इसका फायदा कांग्रेस को सीटों के रूप में भले न मिले मगर तीन दशक से मृतप्राय पड़ी पार्टी में जान तो आ ही गई है। मायावती की बहुजन समाज पार्टी कांग्रेस के त्रिशंकु विधानसभा होने पर से मैदान में उतरी जरुर मगर मतदाता इन्हें कितनी गंभीरता से लेते हैं यह 10 मार्च को साफ हो जायेगा।
इसलिये जब बघेल कहते हैं कि ‘इस बार पहली बड़ी बात ये है कि कांग्रेस पार्टी 1996 के बाद पहली बार 400 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इन चुनावों में कांग्रेस की सबसे बड़ी जीत यही है कि हमने दूसरी पार्टियों को जाति और धर्म के एजेंडे पर लड़ने के लिए छोड़ दिया और कांग्रेस ने विकास और कल्याण, आवारा मवेशियों, महिला सुरक्षा की बात की’ तब इतनी उम्मीद तो की ही जा सकती है कि कांग्रेस के प्रदर्शन को कमजोर आंकना भूल हो सकती है। इसका कारण ये है कि इस बार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जमीन पर वास्तव में कड़ी मेहनत की है। कांग्रेस की रैलियों में बड़ी संख्या में युवा और महिलाएं आ रही हैं। इससे पता चलता है कि कांग्रेस ने जो मुद्दे उठाए हैं, वे लोगों के असली मुद्दे हैं। बघेल ने नरेंद मोदी की आलोचना करते हुए कहा कि चुनावी रैलियों के दौरान उन्होंने जिन योजनाओं की बात की है, वे यूपीए सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाएं हैं। चाहे मुफ्त राशन, शिक्षा का अधिकार, मनरेगा हो। ये सभी यूपीए की योजनाएं हैं। सत्ता में आने के बाद उन्होंने क्या पेश किया है? क्या वे नोटबंदी और सरकारी कंपनियों के निजीकरण के लिए वोट मांग रहे हैं?
चूँकि कल आखिरी चरण का मतदान भी हो चुका है इसलिये अब चुनाव परिणामों का इंतजार ही श्रेष्ठ विकल्प है। वैसे आखिरी दौर में मोदी की काशी परिक्रमा के समय योगी का साथ न दिखना/होना, बहुत कुछ सन्देश दे गया है। फ़िलहाल सभी दल/गठबंधन जीत का दावा कर रहे हैं सिर्फ मतदाता के। मतदाता के मौन निर्णय का इंतजार भी 10 मार्च को खत्म हो जायेगा।
(लेखक देश के जाने माने पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक हैं।)