Madhya Pradesh

शरीर को मथुरा और ह्रदय को गोकुल बनाओ, तभी भगवान का प्राकट्य: पं. हरिशंकर महाराज

मोतीनगर वार्ड में हो रही भागवत कथा का पंचम दिवस

राज कुमार सोनी
सागर।
‘अपने शरीर को मथुरा और ह्रदय को गोकुल बना लो, बस भगवान का प्राकट्य हो जाएगा ‘, अध्यात्म का यह सरलतम सूत्र बड़ी ही बारीकी से विशद किया दमोह से पधारे पं. हरिशंकर पांडेय महाराज ने। वे सागर शहर के मोतीनगर वार्ड में माता मढ़िया के समीप 22 से 29 मई तक आयोजित भव्य संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा की शृंखला में शुक्रवार को पांचवें दिन श्रीकृष्ण जन्मोत्सव के पश्चात भगवान की बाललीलाएं सुना रहे थे। शंकर जी के प्रभु-दर्शन, मैया यशोदा व गोप-गोपिकाओं संग निभाए उनके प्रेरक प्रसंगों समेत विविध राक्षस-राक्षसियों के संहार-उध्दार का मार्गदर्शक प्रतिपादन करते हुए उन्होंने गोवर्धन पूजा की शास्त्रोक्त विशेषता बताई।लक्ष्मीकांत पांडेय, नीलकांत पांडेय, कमलेश पांडेय, संतोष पांडेय, दिनेश पांडेय, प्रवीण पांडेय, नीतेश पांडेय व मुकेश पांडेय के संयुक्त संयोजन में हो रही इस पावन अनुष्ठान के मुख्य यजमान सुनील दत्त पांडेय और साधना पांडेय हैं। समारोहस्थल पर बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालु समुदाय कथा के दौरान प्रसंगानुरूप लगभग पूरे समय भक्तिरस में डूब झूमता रहा। प्रवीण पांडेय और नीतेश पांडेय ने बताया कि विश्वशांति व लोककल्याणार्थ आयोजित भागवत कथा में भक्तिरस का आस्वादन करने के लिए यहां रोजाना श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। कथा का समय दोपहर 3 से शाम 6 बजे तक है। कथा की पूर्णाहुति पर 29 मई को यहां महाभंडारा भी रखा गया है।

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