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समय रहते ही क्यों नहीं होती अवैध निर्माण पर कार्रवाई? फिल्म सिटी रोड का यह निर्माण कार्य बड़ा उदाहरण

विजय यादव
मुंबई।
मुंबई में अवैध निर्माण एक पुरानी और लाइलाज बीमारी बन गई है। शासन-प्रशासन इस पर तब तक ध्यान नहीं देता है जब तक वहां कोई बड़ा हादसा न हो जाय अथवा कोई बड़ा राजनेता इसे मुद्दा नहीं बना ले। सच तो यह है कि, मनपा के संबंधित अधिकारी ही इसका पोषण करते हैं या यूं कहें उन्ही की देखरेख में भ्रष्टाचार फलता फूलता रहता है। हाल ही में माहिम की एक अवैध दरगाह का मामला मनसे प्रमुख राज ठाकरे द्वारा उठाया गया। बताया जाता है कि, समुंद्र के भीतर उस दरगाह का निर्माण पिछले ढाई साल से चल रहा था। क्या इस बीच मनपा और कलेक्टर कार्यालय को इस बात की भनक नहीं लगी? जो मनपा कर्मचारी गरीब के छोटे से उस ठेले को सूंघकर वहां पहुंच जाते हैं, जो उसने अपनी आजीविका के लिए लगाया है, उस व्यक्ति के घर भी पहुंच जाते हैं जो अपने घर की मरम्मत कर रहा होता है। आखिर ऐसे में इन्हे खुले आम हो रहा अवैध निर्माण क्यों नहीं दिखाई देता?
शहर के मालाड पूर्व स्थित फिल्मसिटी रोड पर पिछले कुछ समय से खुले आम एक ऐसा ही निर्माण कार्य चल रहा है, जिसके खिलाफ मनपा पी/उत्तर विभाग में तमाम शिकायतें हुई, लेकिन अधिकारियों को कहीं कुछ दिखाई नहीं दे रहा। बताया जाता है कि, मालाड पूर्व स्थित वैजल कंपाउंड, फिल्मसिटी रोड पर जो निर्माण कार्य चल रहा है उसे कोई स्थानीय ठेकेदार द्वारा कराया जा रहा है, जिसे इलाके का दबंग कांट्रेक्टर माना जाता है। यह कथित अवैध निर्माण एक्टिव जिम के पास में स्थित है। एक सामाजिक संगठन की जानकारी के अनुशार यह जमीन एक आदिवासी का बताया जाता है। यह जमीन करीब 3500 बर्ग फुट की एक आदिवासी की है जिसमें ग्राउंड+3 का खुलेआम कामर्शियल गाला बनाया जा रहा है।
बताया जा रहा है कि, निर्माणकर्ता को कुछ राजनेताओं का संरक्षण मिला हुआ है।

क्षेत्रीय लोगों के मुताबिक इस अवैध निर्माण के खिलाफ यदि कोई शिकायत करता है तो उसपर फर्जी मामला दर्ज कराने की धमकी दी जाती है, जिसकी वजह से कोई शिकायतकर्ता खुलेआम इसके खिलाफ खड़ा नही होता।
भ्रष्टाचार विरोधी मंच के अनुशार इस अवैध निर्माण के खिलाफ अभी तक मुंबई महानगर पालिका के सभी अधिकारियों को क्षेत्रीय लोगों द्वारा इमेल, व्हाट्सएप और लिखित शिकायतें भेजकर अवगत कराया गया है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती। संस्था के अनुशार इसी तरह के दर्जनों बड़े अवैध निर्माण फिल्मसिटी रोड पर और भी देखे जा सकते हैं जिसकी शिकायत मनपा, पुलिस व मंत्रालय के उच्च अधिकारियों और मंत्रियों को दी गयी है फिर भी किसी अवैध निर्माण पर मनपा का बुलडोजर आज तक नहीं चल सका है। यहां सवाल यह उठता है कि, निर्माणकर्ता के खिलाफ संबंधित अधिकारी कार्रवाई करने से क्यों कतराते या घबराते हैं?
फिल्मसिटी रोड पर हो रहे बड़े-बड़े अवैध निर्माण के खिलाफ भ्रष्टाचार विरोधी मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष व वरिष्ठ पत्रकार जे.बी.सिंह ने इस मुद्दे को एक साल पहले बड़ी मजबूती के साथ उच्च अधिकारियों के सामने संज्ञान में लाया था, लेकिन कुछ भूमाफियाओं, क्षेत्रीय नेताओं व अवैध ठेकेदारों के दबाव में उन्हें ही बुरी तरह से परेशान किया गया और आरोप लगाकर उनके ऊपर ही एफआईआर भी दर्ज करा दी गई। यही नहीं उनके 30 साल पुराने घर को भी तोड़ने की नोटिस दे दी गयी थी जिसका मामला अभी तक दिंडोशी कोर्ट में चल रहा है।
अब लोगों की उम्मीद मनपा आयुक्त व वर्तमान प्रशासक इकबाल सिंह चहल पर टिकी है, जो पी-उत्तर विभाग के तहत चल रहे इस बड़े निर्माण के स्कैंडल पर रोक लगाने के लिए कदम उठाएंगे।

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