Mumbai

राम-केवट संवाद का प्रसंग सुनकर भाव-विभोर हुए भक्त

मुंबई। नवऊर्जा फाउंडेशन, मानस परिवार द्वारा कुरार गांव, मलाड (पूर्व) में महर्षी बुवा साळवी मैदान में श्रीराम कथा का आयोजन किया गया है। पद्मविभूषण स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी महाराज की मधुर वाणी में रामकथा सुनने का सुवर्ण योग मलाडवासियों को मिल रहा है। शुक्रवार को रामकथा का सातवा दिन था। सातवें दिन की राम कथा में श्रीराम वनवास और केवट संवाद की कथा का विस्तार से वर्णन किया।
स्वामी श्री रामभद्राचार्य जी महाराज ने कहा, भगवान राम मर्यादा स्थापित करने को मानव शरीर में अवतरित हुए। पिता की आज्ञा पर वह वन चले गए। भगवान राम वन जाने के लिए गंगा घाट पर खड़े होकर केवट से नाव लाने को कहते हैं, लेकिन केवट मना कर देता है और पहले पैर पखारने की बात कहता है। केवट भगवान का पैर धुले बगैर नाव में बैठाने को तैयार नहीं होता है। राम-केवट संवाद का प्रसंग सुनकर श्रोता आनंदित हो गए। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के आदर्श समाज में आज भी कायम है। भगवान प्रेम भाव देने वाले का हमेशा कल्याण करते हैं। निष्काम भाव से भक्ति करने वाले की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। आज भी कथा में भक्तों की भारी भीड़ जुटी रही। जय श्रीराम जय श्रीराम के उद् घोष के साथ पुरा पंडाल गुंज रहा था ।
श्रीराम कथा के अवसर पर भजन सम्राट अनुप जलोटा, श्रीमती विद्या ठाकूर पूर्व मंत्री महाराष्ट्र राज्य, श्रीमती भाग्यश्री कापसे उपायुक्त मुंबई महानगरपालिका, एससी गुप्ता अध्यक्ष भारत विकास परिषद, जयप्रकाश ठाकूर उपाध्यक्ष भाजपा महाराष्ट्र, कथा के संरक्षक सीए उत्तम अग्रवाल, संजय पाण्डे अध्यक्ष भाजपा महाराष्ट्र उत्तर भारतीय मोर्चा, अमित दुबे ट्रस्टी नरसिंग आर्युवेदा कॉलेज, श्रीमती सुनीता यादव नगरसेविका, वरिष्ठ पत्रकार नवीन पाण्डे, ब्रीजेश त्रिपाठी नवभारत टाइम्स, कार्यकारी संपादक यशोभूमी, के.सी दुबे आदी अतिथीयों का आयोजक विनोद मिश्रा ने सत्कार किया।

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