Madhya Pradesh

परमात्मा का भक्ति से मिलन ही है जीवन में श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाहोत्सव: पं.मनोज व्यास

राज कुमार सोनी
सागर
। ‘रुक्मिणीजी भक्ति हैं और श्रीकृष्णजी तो साक्षात परमात्मा हैं ही। भक्ति का परमात्मा से मिलन ही तो श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाहोत्सव है ‘, यह उद्गार सुप्रसिद्ध कथा-व्यास पं. मनोज व्यास ‘मधुर’ जी महाराज ने बड़ा बाजार स्थित रामबाग मंदिर में गुप्ता परिवार व्दारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन प्रवचन करते हुए व्यक्त किए। लक्ष्मी गुप्ता, संतोष गुप्ता, कंचन गुप्ता, कृष्णमुरारी (पप्पू) गुप्ता, स्व. चांदनी गुप्ता, जीतेंद्र गुप्ता, मौसम गुप्ता, बसंत गुप्ता हैं के संयोजन में हो रहे इस ज्ञान-अनुष्ठान की मुख्य यजमान मिथिलेश गुप्ता हैं। महंत घनश्यामदासजी महाराज के आशीर्वाद से 29 मई से 5 जून तक हो रही इस कथा में शनिवार को व्यासजी ने भगवान की विविध लीलाओं का गहराई से वर्णन किया और आयोजनस्थल पर बड़ी संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं को भजन-संकीर्तन कराते हुए भक्तिरस से सराबोर कर दिया। ज्ञानमूर्ति उद्धवजी और प्रेम-प्रतिबिंब गोपियों के संवाद का प्रसंग सुनाते हुए मधुरजी ने कहा कि प्रेम भक्ति का वह सर्वोच्च बिंदु है, जिसे पाने में ज्ञान कतई सक्षम नहीं है। तभी तो उद्धव के लाख समझाने-बुझाने के बावजूद कृष्णविरह में बावरी गोपियों पर कोई फर्क नहीं पड़ता। कथा के दौरान श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाहोत्सव विशेष रूप से आनंदमय रहा, जिसमें गाए गए कई भक्तिपूर्ण लोकगीतों पर श्रद्धालु समुदाय थिरका। कथा का समय रोजाना दोपहर 4 से शाम 7 बजे तक है। कथा का भक्तिरसपान करने प्रतिदिन यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है।

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